गुरुवार, 6 अगस्त 2020

अकेलापन और अकेला होना

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😔अकेलापन और अकेला होना 💭

अकेलेपन की तुलना अक्सर खाली, अवांछित और महत्वहीन महसूस करने से की जाती है। अकेले व्यक्ति को मजबूत पारस्परिक संबंध बनाने में कठिनाई होती है।


अकेला होना एक सकारात्मक, सुखद और भावनात्मक रूप से तरोताज़ा करने वाला अनुभव हो सकता है।


ऐसे बहुत से कारण हैं जिनकी वजह से आप खुद को अकेला महसूस कर सकते हैं। अगर आप किसी खास कारण को नहीं तलाश पा रहे हैं कि आप इतने अकेले क्यों हैं? तो, एक नज़र अपनी ज़िंदगी में बीते हुए वक्त और घटनाओं पर डालने की कोशिश कीजिए। यकीन मानिए आपको इसका समाधान वहीं पर मिल जाएगा। 

दोस्त या बहुत करीबी को खो देना

कमजोर शारीरिक या मानसिक सेहत की वजह से

आत्मसम्मान में कमी से अक्सर सामाजिक वियोग उत्पन्न होता है जिससे अकेलापन हो सकता हैं।

हाल में रिटायर होने, नौकरी छोड़ने या नौकरी चले जाने के बाद

भाषाई समस्या होने के कारण 

अलग संस्कृति के लोगों के बीच रहने के कारण 

भौगोलिक समस्याओं के कारण लोगों से संपर्क न कर पाने के कारण

आपके साथ साथ मैं भी यात्रा कर रही हूँ और जब ये सारे कारन लिख रही थी तो स्वतः ही इनके दूर होने  उपाय मन  में आ रहे थे ... 

आप भी देखेंगे तो शायद मुझसे बेहतर उपाय, आपके लिए क्या हो सकते ये देख पाएंगे  क्यूंकि समस्या भी आपकी है और मन भी तो बार - बार दोहराएं कि आपको क्यों अकेलापन लगता है और आपके मन को कोण सा उपाय सरल लगता है  .... क्योंकि यहां मैं व्यवहारिक रूप से आपको क्या फायदेमंद हो सकता है वह खोजने जा रहे हैं   .... अगर आप ध्यान से पूरा ब्लॉग पढ़ेंगे तो निश्चित ही अकेलेपन से दूर हो पायेंगे   .... 

अकेलापन आपको निराश रहने के लिए भले ही प्रेरित करता हो लेकिन अगर आप इसे नए नज़रिये से देखना शुरू कर दे तो ये आपको इतना तकलीफ़देह नहीं लगेगा।

यही वो समय है जो आप खुद के साथ बीता सकते हैं, स्वयं की अच्छाइयां और खामियाँ देख सकते हैं और खुद को नजदीक से जान सकते है।

लोगों से बातचीत करना शुरू करें। अगर समझ न आये तो शुरुआत ऐसे कीजिये 👉शुरुआत इस बात से करें, ''आप कैसे हैं?''

साइंस के मुताबिक, पेट्स आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। पेट्स आपके स्ट्रेस को कम करने और एंग्जाइटी के लक्षणों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। 

अपनी कमियों व अच्छाइयों दोनों को ही ध्यान  रखते हुए जो भी थोड़ी-बहुत अच्छाइयाँ हैं, उन्हीं के आधार पर किसी भी क्षेत्र में धैर्य व तल्लीनता के साथ सोच-समझकर कुछ भी अर्थपूर्ण व उपयोगी कार्य करने की पहल करें। समय कैसे निकलता जाएगा, पता भी नहीं चलेगा और सबसे अहम तो यह है कि जो संतुष्टि व खुशी मिलेगी, उसका और कोई विकल्प नहीं होगा।



व्यक्ति अकेलेपन से तभी घबराता है जब वह स्वस्थ नहीं रहता। उसे हर वक्त यही महसूस होता है कि मुझे कुछ तकलीफ हो गई तो क्या होगा? मेरा किसी ने साथ नहीं दिया तो क्या करूँगा। इसलिए जीवन जीने के लिए सबसे महत्वपूर्ण व आवश्यक सेहतमंद रहना ही है। जब ऐसा होगा तभी उम्र को अनदेखा कर व्यक्ति जो चाहे वही कार्य कर सकता है।

सकारात्मक रवैया अपनाते हुए जिंदगी की महत्ता समझ इसका एक-एक क्षण भरपूर जिएँ 

अगर हम कुछ और गहरे में जायेंगे तो पाएंगे कि हम और ये संसार अलग अलग नहीं है।  सभी कुछ जुड़ा हुआ है- मैं हूँ इसीलिए ये संसार है -ये संसार - इसका इतिहास -सब कहानियां हैं - अब जब हमें इस वननेस का अहसास होगा तो वहां कोई दूसरा होगा ही नहीं जिससे हमारी अपेक्षा होगी। ये विचार कि हम अधूरे हैं - यही है जिसके लिए हम एक  के सामने कुछ और दूसरों के आगे कुछ और होते हैं।  हमारी यही फीलिंग हमें बोर करती है।  अगर ऐसा करेंगे तो वो क्या कहेगा- इन सारी बातें एकदम बेमानी हो जाती हैं।  इसी के बारे में कहा गया है - 

एकम सत विप्राः बहुधाः भवन्ति। 

 ईस्वर एक है और विप्रों ( ज्ञानीयों ) ने इसे विविध रूप में वर्णन किया है।  

और वह सत्य ऐसे है कि-  'अहम् ब्रह्मास्मि '

👉क्या ये ब्लॉग किसी भी प्रकार से आपके लिए सहायक है या आपके सुझाव इस विषय में क्या हैं  ... और आप आगे किन विषयों पर ब्लॉग पढ़ना चाहते हैं  ... कृपया अपने महत्वपूर्ण सुझाव दीजिये 🙏


books are suggested-

1- love, freedom, aloneness


2- on love and loneliness 


3- straight talk on loneliness



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